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Big breaking :-नॉर्थ इंडिया की जेलों में बंद 10-12 गैंगस्टर्स को अंडमान शिफ्ट करने की सिफारिश, गैंगस्टर्स को मिलेगा ‘कालापानी’

नॉर्थ इंडिया की जेलों में बंद 10-12 गैंगस्टर्स को अंडमान शिफ्ट करने की सिफारिश
: गैंगस्टर्स को मिलेगा ‘कालापानी’,,,,,

।अंडमान में शिफ्ट किए जाएंगे उत्तर भारत के खूंखार कैदी

।, NIA और MHA के बीच लंबी चर्चा

 

एनडआईए ने केंद्रीय गृह मंत्रालय को चिट्ठी लिखकर कहा है कि उत्तर भारत की जेलों में बंद 10 से 12 गैंगस्टर्स को अंडमान निकोबार द्वीप समूह की जेल में शिफ्ट किया जाए.

NIA कुछ गैंगस्टरों को असम की डिब्रूगढ़ सेंट्रल जेल में भी भेजने के के विकल्प पर भी विचार कर रही है.

 

उत्तर भारत की जेलों में बंद 10-12 गैंगस्टर्स को अंडमान जेल भेजने की तैयारी, NIA ने गृह मंत्रालय को लिखी चिट्ठी
NIA Letter Andaman Jail: गृह मंत्रालय को लिखे पत्र में एनआईए ने उत्तर भारत की जेलों से कम से कम 25 गैंगस्टरों को दक्षिणी राज्यों में स्थानांतरित करने की मांग की. इस सूची में पंजाबी गायक सिद्धू मूसेवाला की हत्या का मुख्य आरोपी लॉरेंस बिश्नोई भी शामिल है.

उत्तर भारत की जेलों में बंद 10 से 12 गैंगस्टर्स को अंडमान निकोबार जेल में शिफ्ट किए जाने की तैयारी चल रही है. दरअसल, सुत्रों के हवाले से खबर है कि राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने गृह मंत्रालय को एक पत्र लिखा है, जिसमें दिल्ली के साथ पंजाब और हरियाणा की जेलों में कैद इन अपराधियों को अंडमान की जेलों में भेजने की सिफारिश की गई है.

देखा जाए, तो अंडमान निकोबार केंद्र शासित प्रदेश है ऐसे में वहां इन गैंगस्टर्स को शिफ्ट किये जाने के लिए दूसरे राज्यों से इजाजत भी नहीं लेनी होगी. गैंगस्टर्स को असम में भी शिफ्ट किए जाने पर विचार किया जा रहा है. पिछले कुछ महीनों में जेल के अंदर ही गैंगवार और गैंगस्टर्स के ऊपर हमले के बाद एनआईए इस कदम पर विचार कर रहा है. इसीलिए एजेंसी ने कुख्यात गैंगस्टर को शिफ्ट करने के लिए केंद्र को चिट्ठी लिखी है.

गृह मंत्रालय के सूत्रों ने कहा कि प्रारंभिक प्रस्ताव गैंगस्टरों को दक्षिण भारत की जेलों में स्थानांतरित करने का था, लेकिन यह एक लंबी प्रक्रिया होगी क्योंकि इसके लिए राज्य सरकारों से अनुमति लेनी होगी. सूत्र ने कहा, ‘चूंकि अंडमान और निकोबार द्वीप समूह एक केंद्र शासित प्रदेश है, और इसका प्रशासन गृह मंत्रालय के अंतर्गत आता है, इसलिए इस प्रक्रिया में कम समय लगेगा. एजेंसी वर्तमान में कानूनी राय भी मांग रही है.’

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