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Big breaking :-उत्तराखंड के सरकारी कर्मचारियों के लिए आई बड़ी खबर, इस नियमावली में हो गया बड़ा संशोधन, मिलेगा ये फायदा

 

 

राज्यपाल “भारत का संविधान” के अनुच्छेद 309 के परन्तुक द्वारा प्रदत्त शक्ति का प्रयोग करके, उत्तराखण्ड सरकारी सेवक ज्येष्ठता नियमावली, 2002 में संशोधन करने की दृष्टि से निम्नलिखित नियमावली बनाते हैं :-

उत्तराखण्ड सरकारी सेवक ज्येष्ठता (संशोधन) नियमावली, 2024

संक्षिप्त नाम और प्रारम्भ

1. (1) इस नियमावली का संक्षिप्त नाम उत्तराखण्ड सरकारी सेवक ज्येष्ठता (संशोधन) नियमावली, 2024 है।

(2) यह दिनांक 13 अगस्त, 2002 से प्रवृत्त हुई समझी जाएगी।

नियम 4 का संशोधन

2. उत्तराखण्ड सरकारी सेवक ज्येष्ठता नियमावली, 2002 (जिसे एतस्मिन पश्चात् मूल नियमावली कहा गया है) के हिन्दी पाठ में नीचे स्तम्भ-1 में दिए गए विद्यमान नियम 4 में खण्ड (झ) के स्थान पर स्तम्भ 2 में दिया गया खण्ड रख दिया जायेगा,

वर्ष / चयन वर्ष” का तात्पर्य किसी कलेण्डर वर्ष की जुलाई के प्रथम दिवस से प्रारम्भ होने वाली बारह मास की अवधि से है।

मूल नियमावली में नीचे स्तम्भ-1 में दिए गए विद्यमान नियम 8 के उप नियम (2) एवं (3) के स्थान पर स्तम्भ 2 में दिया गया उप नियम रख दिया जायेगा, अर्थात्

किसी एक चयन वर्ष में चयन के परिणामस्वरूप-

सीधी भर्ती से नियुक्त व्यक्तियों की परस्पर ज्येष्ठता वही होगी, जैसी यथास्थिति आयोग या समिति द्वारा तैयार की गयी योग्यता

 

पदोन्नति द्वारा नियुक्त व्यक्तियों की परस्पर ज्येष्ठता वही होगी जो इस स्थिति के अनुसार कि पदोन्नति एकल पोषक संवर्ग से या अनेक पोषक संवर्गों से होती है यथास्थिति, नियम 6 या नियम 7 में दिये गये सिद्धान्तों के अनुसार अवधारित की जाय।

(3) जहां किसी एक चयन वर्ष में चयन के परिणामस्वरूप नियुक्तियां पदोन्नति और सीधी भर्ती दोनों प्रकार से की जाय, वहां पदोन्नत व्यक्तियों की, सीधे भर्ती किये गये व्यक्तियों के संबंध में ज्येष्ठता, जहां तक हो सके, दोनों स्रोतों के लिए विहित कोटा के अनुसार चक्रानुक्रम में (प्रथम स्थान पदोन्नत व्यक्ति का होगा) अवधारित की जायेगी।

दृष्टान्त (1) जहां पदोन्नत व्यक्तियों और सीधी भर्ती किये गये व्यक्तियों का कोटा 1:1 के अनुपात में हो, वहां ज्येष्ठता निम्नलिखित क्रम में होगी :- प्रथम द्वितीय पदोन्नत व्यक्ति सीधी भर्ती किया गया व्यक्ति और इसी प्रकार आगे भी।

(2) जहां उक्त कोटा 1:3 के अनुपात में हो, वहां ज्येष्ठता निम्नलिखित क्रम में होगी :- प्रथम पदोन्नत व्यक्ति द्वितीय से चतुर्थ तक …… सीधे भर्ती किये गये व्यक्ति

पांचवां छठा से आठवां पदोन्नत व्यक्ति सीधी भर्ती किये गये व्यक्ति और इसी प्रकार आगे भी। प्रतिबन्ध यह है कि-

(एक) जहां किसी स्रोत से नियुक्तियां विहित कोटा से अधिक की जायं, वहां कोटा से अधिक नियुक्त

 

व्यक्तियों को ज्येष्ठता के लिए उन अनुवर्ती वर्ष या वर्षों के लिए बढ़ा दिया जायेगा जिनमें कोटा के अनुसार रिक्तियां हों;

दो) जहां किसी स्रोत से नियुक्तियां ( विहित कोटा से कम हों, और ऐसी न भरी गयी रिक्तियों के प्रति नियुक्तियां अनुवर्ती वर्ष या वर्षों में की जाय, वहां इस प्रकार नियुक्त व्यक्ति किसी पूर्ववर्ती वर्ष की ज्येष्ठता नहीं पायेंगे किन्तु वह उस वर्ष की ज्येष्ठता पायेंगे जिसमें उनकी नियुक्तियां की जायं किन्तु उनके नाम शीर्ष पर रखे जायेंगे, जिसके बाद अन्य नियुक्त व्यक्तियों के नाम चक्रानुक्रम में रखे जायेंगे;

(तीन) जहां सेवा नियमावली के अनुसार, सुसंगत सेवा नियमावली में उल्लिखित परिस्थितियों में किसी स्रोत से बिना भरी गयी रिक्तियां अन्य स्रोत से भरी जायं और कोटा से अधिक नियुक्तियां की जायं, वहां इस प्रकार नियुक्त व्यक्ति उसी वर्ष की ज्येष्ठता पायेंगे मानों वे अपने कोटा की रिक्तियों के प्रति नियुक्त किये गये हों।

 

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