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नर्स बोलीं- बाहुबली ने जन्म लिया है….चर्चा में आया में ये बच्चा, चिकित्सकों को भी मिली बड़ी सफलता

पूर्ण रूप से स्वस्थ्य बच्चे के प्रसव में चिकित्सकों को सफलता मिली है। चिकित्सकों की टीम ने प्रसूता और उसके परिवार को बधाई दी।

गर्भावस्था में चिकित्सक की निगरानी और आयुष चिकित्सा विधा में योग आहार और विहार के जरिए स्वस्थ्य शिशु के साथ सुरक्षित प्रसव का प्रमाण मिला। बच्चे के जन्म लेते ही नर्स बोलीं- बाहुबली ने जन्म लिया है। चिकित्सकों ने गर्भवती के पांच किलो तीन सौ ग्राम के एक पूर्ण स्वस्थ्य बच्चे का प्रसव कराया।

 

प्रसूता और उसके परिवार को बधाई देने के साथ ही चिकित्सकों ने अन्य गर्भवती महिलाओं को गर्भधारण करने के साथ ही आवश्यक सुझाव भी दिए। ऋषिकुल आयुर्वेदिक कॉलेज के वरिष्ठ सर्जन डॉ. विशाल वर्मा ने कहा कि पांच किलोग्राम तक के कमतर बच्चे ही जन्म लेते हैं। उन्होंने कहा कि गर्भधारण करने के साथ ही यदि धात्री योग, आहार और विहार पर ध्यान दे तो स्वस्थ्य बच्चे का जन्म और सुरक्षित प्रसव दोनों आसान हो जाता है।

तीन विषयों का कराना चाहिए पालन
उन्होंने कहा कि गर्भवती के आहार और विहार को लेकर प्राय: मध्यमवर्गीय परिवार में ध्यान नहीं दिया जा रहा है। इस वजह से शिशु जन्म के समय से ही कई कमजोरियों के शिकार हो रहे हैं। उन्होंने कहा कि स्वस्थ्य बच्चे को जन्म देने के लिए गर्भवती को तीन विषयों योग, आहार और विहार के साथ ही दिनचर्या और ऋतुचर्या का पालन करना चाहिए। उन्होंने कहा कि चिकित्सक की निगरानी में रहना भी बेहद आवश्यक होता है।

बता दें कि महिला चिकित्साल्य में सर्जन के अवकाश पर होने के चलते प्रसव कराने पहुंची महिला को निजी अस्पताल में जाना पड़ा। संजीवनी अस्पताल के चिकित्सकों के पैनल ने जब गर्भवती की जांच की और शिशु काफी स्वस्थ्य मिला। आपॅरेशन के जरिए सुरक्षित प्रसव कराया गया। महिला ने दिया 5 किलो तीन सौ ग्राम के बच्चे को जन्म दिया। हालांकि जटिल ऑपरेशन को वरिष्ठ सर्जन डॉ. दीपिका यादव ने सफलता पूर्वक संपन्न किया।

ऑपरेशन से नहीं हो सकी गर्भवतियों की डिलीवरी
महिला जिला अस्पताल के स्त्री रोग विशेषज्ञ अवकाश पर हैं। इस वजह से अस्पताल में शुक्रवार को ऑपरेशन से डिलीवरी नहीं हो पाई। ऑपरेशन कराने वाली गर्भवती महिलाओं को वापस लौटना पड़ा। परेशानी को देखते हुए सीएमओ ने भूपतवाला अस्पताल की स्त्री रोग विशेषज्ञ को तैनात कर दिया गया है।
जिला महिला अस्पताल में तैनात डाॅ. यशपाल सिंह दो सप्ताह के अवकाश पर हैं। वो महिला अस्पताल में एक मात्र स्त्री रोग विशेषज्ञ हैं। डॉ. यशपाल सिंह ही ऑपरेशन से गर्भवती महिलाओं की डिलीवरी कराते हैं। सामान्य डिलीवरी अस्पताल का स्टाफ कराता है। महिला अस्पताल में सामान्य दिनों में 12 से 15 डिलीवरी होती हैं, इनमें चार से पांच ऑपेरशन से होती हैं।

डाॅ. यशपाल सिंह के अवकाश पर होने से महिला अस्पताल में ऑपरेशन से होने वाली डिलीवरी प्रभावित हो गई थी। शुक्रवार को भी ऑपरेशन से गर्भवती की डिलीवरी कराने वाले तीमारदारों को निजी अस्पताल या फिर एम्स ऋषिकेश में जाना पड़ा।

भूपतवाला अस्पताल में केवल सामान्य महिला मरीजों को देखा जाता है, गर्भवतियों के ऑपरेशन की सुविधा नहीं है। इसलिए, महिला अस्पताल में डाॅ. यशपाल के ज्यादा दिन तक अवकाश पर चले जाने से भूपतवाला अस्पताल में तैनात स्त्री रोग विशेषज्ञ की तैनाती महिला अस्पताल में कर दी गई है। जब तक डॉ. यशपाल सिंह छुट्टी से नहीं लौटेंगे, तब तक वह महिला मरीजों को देखने के साथ ही ऑपरेशन से गर्भवती महिलाओं की डिलीवरी कराएंगी। – डाॅ. आरके सिंह, सीएमओ, हरिद्वार

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Author: Swati Panwar
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