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Big breaking :-शिक्षकों की संबद्धता पर विभाग में खलबली, मंत्री ने कहा, विभाग बताए किसकी सिफारिश से किया

शिक्षकों की संबद्धता पर विभाग में खलबली, मंत्री ने कहा, विभाग बताए किसकी सिफारिश से किया

शिक्षा विभाग में शिक्षकों की संबद्धता पर विभाग में खलबली मची है। शिक्षा मंत्री डॉ. धन सिंह ने संबद्ध शिक्षकों की रिपोर्ट तलब की। मंत्री ने कहा, विभाग बताए किसकी सिफारिश से संबद्ध किया गया।

मंत्री ने शिक्षा महानिदेशक और तीनों निदेशकों को दिए निर्देश में कहा, शिक्षकों को संबद्ध किए जाने का औचित्य देने के साथ ही किसकी सिफारिश से इन्हें संबद्ध किया गया, इसकी जानकारी दी जाए। शिक्षा विभाग में माध्यमिक शिक्षा में प्रवक्ताओं के 3,699 पद खाली हैं, जबकि बेसिक शिक्षा में भी दो हजार से अधिक पदों पर शिक्षक नहीं हैं।

इसके बावजूद शिक्षकों को मनचाही जगह तैनाती के लिए उन्हें संबद्ध करने का खेल चल रहा है। राज्य में विभिन्न पर्वतीय जिलों से देहरादून जिले में सबसे अधिक शिक्षक संबद्ध हैं, जिससे मूल विद्यालयों खासकर पर्वतीय जिलों के विद्यालयों में छात्र-छात्राओं की पढ़ाई का नुकसान हो रहा है।

तत्काल रिपोर्ट देने के निर्देश
शिक्षा मंत्री ने इस मामले में अधिकारियों को तत्काल रिपोर्ट देने के निर्देश दिए हैं। मंत्री ने महानिदेशक विद्यालयी शिक्षा, निदेशक अकादमिक शोध एवं प्रशिक्षण, निदेशक प्रारंभिक शिक्षा और निदेशक माध्यमिक शिक्षा को दिए निर्देश में कहा, संबद्ध शिक्षक का नाम एवं पदनाम दिया जाए, यह बताया जाए कि शिक्षक की वर्तमान तैनाती कहा हैं।

उन्हें कहां, संबद्ध किया गया है। शिक्षक को संबद्ध करने की तिथि दी जाए। यह भी बताया जाए कि किस अधिकारी के स्तर से शिक्षकों को संबद्ध किया गया है। उधर, शिक्षा महानिदेशक झरना कमठान ने आदेश जारी किया कि किसी भी स्तर पर कोई भी संबद्धीकरण आदेश जारी न किया जाए।

 

शिक्षा महानिदेशक ने कहा, सात सितंबर को उनके कार्यभार संभालने के बाद स्पष्ट निर्देश दिए गए थे कि कोई भी अधिकारी किसी भी शिक्षक या कर्मचारी को अपने मूल कार्यालय से अन्यंत्र कार्ययोजित नहीं करेगा। यह संज्ञान में आया है कि महानिदेशालय स्तर से शिक्षकों और कर्मचारियों को संबद्ध करने के छह सितंबर या उससे पहले के आदेश को अब क्रियान्वित किया जा रहा है। कहा, यदि किसी शिक्षक, कर्मचारी को शिक्षा महानिदेशालय स्तर से कार्ययोजित करने की अनुमति दी गई है, तो ऐसे प्रकरणों पर आदेश क्रियान्वयन से पहले उनकी अनुमति अनिवार्य रूप से ली जाए।

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Author: Swati Panwar
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