UTTARAKHAND NEWS

Big breaking :-VIDEO – खेल विभाग के हॉस्टल तक पहुंची जंगल की आग, छात्र-छात्राओं ने भागकर बचाई जान, सामान और दस्तावेज जले

NewsHeight-App

 

खेल विभाग के हॉस्टल तक पहुंची जंगल की आग, छात्र-छात्राओं ने भागकर बचाई जान, सामान और दस्तावेज जले

कंडोलिया-टेका मार्ग पर लगी आग की चपेट में खेल विभाग का हॉस्टल भी आ गया। आग लगती देख हॉस्टल में छात्र-छात्राएं तुरंत बाहर भागे। इसके बाद आग हॉस्टल के कमरे तक जा पहुंची।

पौड़ी मुख्यालय के पास के जंगलों में लगी आग खेल विभाग के हॉस्टल तक जा पहुंची। आग लगता देख सभी 11 छात्र-छात्राएं हॉस्टल से बाहर भागे। वह सुरक्षित बच गए लेकिन हॉस्टल का कमरा और यहां रखी खेल सामग्री व दस्तावेज आग में जल गए। सूचना पर पहुंचे डीएम डॉ. आशीष चौहान ने नुकसान का जायजा लिया। डीएम ने वनों की सुरक्षा के लिए कूड़ा व अन्य अपशिष्ट पदार्थों एवं कृषि भूमि पर पराली जलाने पर एक सप्ताह तक प्रतिबंध लगाने के निर्देश दे दिए हैं।

 

बीते रविवार को कंडोलिया-टेका मार्ग पर लगी आग की चपेट में खेल विभाग का हॉस्टल भी आ गया। आग लगती देख हॉस्टल में छात्र-छात्राएं तुरंत बाहर भागे। इसके बाद आग हॉस्टल के कमरे तक जा पहुंची। सूचना पर पहुंची दमकल विभाग की टीम ने आग पर काबू पाया।

मौके पर पहुंचे डीएम ने विभाग को तत्काल नुकसान के सामान की रिपोर्ट तैयार करने के निर्देश दिए। कहा कि खेल के सामान की जो भी क्षति हुई है उसका मुआवजा दिया जाएगा। डीएम ने लोगों से वनाग्नि की घटनाओं की सूचना तत्काल कंट्रोल रूम के टोल फ्री नं. 18001804141 पर देने की अपील की है। इस मौके पर प्रभारी क्रीड़ाधिकारी संदीप डुकलान आदि शामिल रहे।

जंगल की आग गांव तक पहुंची
ब्लॉक पाबौ के चोपड़ा गांव के जंगल में लगी आग गांव तक पहुंच गई। ग्रामीणों ने एकजुट होकर आग बुझाई। ग्रामीण मनोज रावत ने बताया की वनाग्नि की घटनाएं लगातार बढ़ती जा रही हैं। जंगलों की आग अब गांव तक पहुंचने लगी है। आग से आधा हेक्टेयर जंगल जल चुका है।

रुद्रप्रयाग : 100 हेक्टेयर से अधिक वन क्षेत्र जला
रुद्रप्रयाग। जंगलों में लगी आग की धुंध केदारघाटी के आखिरी छोर तक पहुंच चुकी है। अगर आग पर जल्द काबू नहीं पाया गया तो हिमालय पर भी प्रभाव पड़ेगा। जिले में बीते एक माह में 100 हेक्टेयर से अधिक वन क्षेत्र को नुकसान पहुंचा है। फायर सीजन में रुद्रप्रयाग वन प्रभाग व केदारनाथ वन्य जीव प्रभाग में अभी तक वनाग्नि की 90 से अधिक घटनाएं हो चुकी हैं। अगस्त्यमुनि, जखोली और ऊखीमठ ब्लॉक के ज्यादातर जंगल आग में जल चुके हैं जिससे लाखों की वन संपदा को नुकसान पहुंचा है। जंगल में लगी आग से 200 मीटर की दूरी तक साफ नहीं दिख रहा है। मंदाकिनी व अलकनंदा नदी के एक तरफ से दूसरी तरफ का नजारा भी धुंधला सा नजर आ रहा है। रुद्रप्रयाग, तिलवाड़ा, अगस्त्यमुनि, जखोली, मयाली, ऊखीमठ, गुप्तकाशी, फाटा, सोनप्रयाग और गौरीकुंड तक धुंध का गुबार फैला हुआ है। धुंध से गुप्तकाशी से हिमालय की पर्वत शृंखलाएं नहीं दिख रही हैं। यहां गर्म हवाएं चल रही हैं। दूसरी ओर उच्च शिखरीय पादप शोध संस्थान, एचएनबी विवि श्रीनगर के निदेशक डाॅ. विजयकांत पुरोहित ने कहा कि जंगलों में लगी आग से जो धुंध फैल रही है, उसमें कार्बन डाई ऑक्साइड है, जो पर्यावरण के लिए सबसे अधिक खतरनाक है।

ग्लेशियरों को होगा खतरा
वनाग्नि का धुंआ घाटी से लेकर पहाड़ी क्षेत्रों तक पहुंच रहा है, ऐसे में इसके ग्लेश्यिरों तक पहुंचने से इन्कार नहीं किया जा सकता है। धुएं के कणों के ग्लेशियर पर चिपकने से सूरज की किरणें ग्लेशियर से टकराकर लौट नहीं पाती हैं, जिस कारण ग्लेशियर के पिघलने की रफ्तार बढ़ जाती है। ऐसे में नदियों का जलस्तर बढ़ने से कई जगहों पर बाढ़ जैसे हालत हो सकते हैं।

Click to comment

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

न्यूज़ हाइट (News Height) उत्तराखण्ड का तेज़ी से उभरता न्यूज़ पोर्टल है। यदि आप अपना कोई लेख या कविता हमरे साथ साझा करना चाहते हैं तो आप हमें हमारे WhatsApp ग्रुप पर या Email के माध्यम से भेजकर साझा कर सकते हैं!

Click to join our WhatsApp Group

Email: [email protected]

Author

Author: Swati Panwar
Website: newsheight.com
Email: [email protected]
Call: +91 9837825765

To Top