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किसे बनाया जाता है बद्रीनाथ धाम का मुख्य पुजारी? क्या होती है पूरी प्रक्रिया, यहां जानें डिटेल

 

: चार धामों में से एक प्रमुख धाम बद्रीनाथ धाम के मुख्य पुजारी के नाम की घोषणा कर दी गई है. वे 15 जुलाई से भगवान बद्री विशाल की पूजा अर्चना प्रारंभ करेंगे. आज आपको बता रहे हैं कि बद्रीनाथ धाम के नए पुजारी बनने की क्या प्रक्रिया है.

 

 

बद्रीनाथ धाम के मुख्य पुजारी ईश्वर प्रसाद नम्बूद्री 14 जुलाई को बद्रीनाथ धाम से विदा हो जाएंगे. बताया जा रहा है कि पारिवारिक कारण और स्वास्थ्य अनुकूल न होने के कारण वर्तमान रावल ईश्वर प्रसाद नम्बूद्री ने पूजा पद्धति आगे संचालित न करने का फैसला लिया है. उनकी जगह पर अमरनाथ नम्बूद्री बद्रीनाथ धाम के नए रावल होंगे. वहीं नायक रावल पद के के लिए भी योग्य व्यक्ति की तलाश दक्षिण भारत में की जा रही है, क्योंकि रावल और नायक रावल का चयन दक्षिण भारत में ही नम्बूद्री परिवार में किया जाता है

 

 

 

नए रावल बनाने की क्या है परंपरा?

बद्रीनाथ धाम के पूर्व धर्म अधिकारी भुवन चंद्र उनियाल ने बताया कि बद्रीनाथ धाम में नए रावल बनने की परंपरा वर्षों से चली आ रही है. उन्होंने कहा कि 1987 में उनके द्वारा रावल का तिलपात्र किया गया था. नये रावल बनने के लिए योग्य व्यक्ति का मुंडन संस्कार तिलपात्र किया जाता है. साथ ही पंचतीर्थ का भ्रमण कराया जाता है. बद्रीनाथ धाम में तप्तकुंड, अलकनंदा नदी, नारद कुंड, प्रहलाद धारा, कुर्म धारा, ऋषि गंगा में नए रावल को स्नान कराया जाएगा.

 

 

 

बद्रीनाथ धाम में इससे पहले विष्णु नम्बूद्री, बदरी प्रसाद नम्बूद्री का तिलपात्र हुआ है. बाकी सभी रावल का तिलपात्र जोशीमठ के नृसिंह मंदिर में संपन्न कराया गया है. वर्तमान रावल तिलपात्र वर्तमान धर्म अधिकारी द्वारा संपन्न कराया जाएगा. इससे पहले भी पारिवारिक कारण और अन्य परिस्थितियों के बीच कई बार रावल बीच में ही बद्रीनाथ धाम की पूजा छोड़कर चले गए थे. बीमारी और अन्य कारणों से बदरी प्रसाद नम्बूद्री भी बीच में ही पूजा छोड़कर चले गए थे.

 

 

 

अभी तक तिलपात्र से बने रावल जी की लिस्ट

श्री गोपाल नम्बूद्री 1776 से 1786 तकश्री रामचंद्र राम ब्रह्म रघुनाथ नम्बूद्री 1785 से 1786 तकनीलदंंत नम्बूद्री 1786 से 1791 तकश्री सीताराम 1791 से 1802 तकश्री नारायण प्रथम 1802 से 1816 तकश्री नारायण नम्बूद्री 1816 से 1841 तकश्री कृष्णा नम्बूद्री 1841 से 1845 तकश्री नारायण नम्बूद्री तृतीया 1845 से 1859 तकश्री पुरोषोत्तम नम्बूद्री 1859 से 1900 तकश्री वासुदेव नम्बूद्री प्रथम 1900 से 1901 तकश्री रामा नम्बूद्री 1901 से 1905 तकवासुदेव नम्बूद्री प्रथम पुनः 1905 से 1942 तकश्री वासुदेव नम्बूद्री द्धितीय 1942 से 1946 तककलमल्ली कृष्णा नम्बूद्री

 

 

 

1940 से 1967 तकश्री वी केशवन 1967 से 1971 तकश्री वासुदेव नम्बूद्री द्वितीय पुनः 7 दिन के लिएश्री सीबीजी विष्णु गणपति 1971 से 1987 तकश्री नारायण नम्बूद्री 1987 से 1991 तकश्री पी श्रीधर नम्बूद्री 1991 से 1994 तकपी विष्णु नम्बूद्री 1994 से 2001 तकवीपी बद्री प्रसाद नम्बूद्री 2001 से 2009 तकश्री केशवन नम्बूद्री द्धितीय 2009 से 2014 तकश्री बी ईश्वर प्रसाद नम्बूद्री 2014 से 2023 तकअब अमरनाथ प्रसाद नम्बूद्री नए रावल होंगे

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Author: Swati Panwar
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